tag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post3885696662598751408..comments2023-06-25T08:21:30.443-07:00Comments on रचना समय: आलेखरूपसिंह चन्देलhttp://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post-82354207071777795392009-01-25T23:49:00.000-08:002009-01-25T23:49:00.000-08:00apka lekh pada jo aaj ke sandarbh me har aadmi ko ...apka lekh pada jo aaj ke sandarbh me har aadmi ko tarast karta hai pata nahi yeh aatank kahan le jaega us par turra yeh ki sushri rai jaisi sammanit lekhika bhi bina soche kuch bhi tipni kar deti hai mera mannna hai ki kum se kum aaj har prabhud vayakti ko is samaSYA SE JUJNE KE LIYE AAM AADMI KA SAMBAL BANANA CHAHIYA IS LEKH KE LIYE MAIN AAPKO BADAI DETA HUN KYOKI AAPNE IS TARHA SOCHA .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post-3637087635147570592009-01-02T19:23:00.000-08:002009-01-02T19:23:00.000-08:00भाई चन्देल, तुमने अपने इस लेख के माध्यम से जो प्रश...भाई चन्देल, तुमने अपने इस लेख के माध्यम से जो प्रश्न उठाये हैं, नि:संदेह उन पर गौर किया जाना चाहिए। पर राजनेताओं से हमे ज्यादा उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि वोट की राजनीति उनसे क्या न करवा ले जाए, कहा नहीं जा सकता। पर बुद्धिजीवि, लेखक, पत्रकार भी अगर ऐसा करने-सोचने लगें तो दु:ख होता है।सुभाष नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post-92146434813616367212009-01-01T19:14:00.000-08:002009-01-01T19:14:00.000-08:00लेख पढा अच्छा लिखा है.आप को अंतुले जैसे राजनेताओं ...लेख पढा अच्छा लिखा है.आप को अंतुले जैसे राजनेताओं से जो अपेक्षा लगा रख है कि वे सही बयान देंगे गलत है . उनका बयान नाम की तरह अन्तुला होता है जिसे नापतोल की जरुरत नहीं होती.इसी लिए तो वे अंतुले हैं. नहीं तो तुले होते. अज के राजनेताओं से ज्यादा अपेक्क्षा रखना अच्छी बात नहीं.क्यूंकि उनके लिए कोई काबिलियत तय नहीं की गई है.अगर पार्टी किसी सनकी को टिकेट दे दे तो भी वह सदन में पहुँच सकता है क्यूंकि वह पागल की परिभाषा में नहीं आता . <BR/><BR/>Vinay OjhaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post-31705526930354378822009-01-01T05:52:00.000-08:002009-01-01T05:52:00.000-08:00शायद अरुंधती राय भूल रही हैं, अगर ऐसा हुआ तो जो चि...शायद अरुंधती राय भूल रही हैं, अगर ऐसा हुआ तो जो चिंगारी कश्मीर से शुरू होगी, वो और कितने राज्यों को इस आग में लपेट लेगी. सिर्फ़ बयानबाजी के लिए बोलना बिना उसके दुष्परिणामों को सोचे हुए, ये तो किसी बुद्धिजीवी लेखक के लिए शोभा नहीं देता. मिस राय को ऐसे छिछोरे हथियारों की क्या ज़रूरत पड़ गई, जब उनका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है.indianrjhttps://www.blogger.com/profile/16452757563692397750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post-22437061994209509812009-01-01T03:03:00.000-08:002009-01-01T03:03:00.000-08:00लेख पढा अच्छा लिखा है.आप को अंतुले जैसे राजनेताओं ...लेख पढा अच्छा लिखा है.आप को अंतुले जैसे राजनेताओं से जो अपेक्षा लगा रख है कि वे सही बयान देंगे गलत है . उनका बयान नाम की तरह अन्तुला होता है जिसे नापतोल की जरुरत नहीं होती.इसी लिए तो वे अंतुले हैं. नहीं तो तुले होते. अज के राजनेताओं से ज्यादा अपेक्क्षा रखना अच्छी बात नहीं.क्यूंकि उनके लिए कोई काबिलियत तय नहीं की गई है.अगर पार्टी किसी सनकी को टिकेट दे दे तो भी वह सदन में पहुँच सकता है क्यूंकि वह पागल की परिभाषा में नहीं आता .विनय ओझा 'स्नेहिल'https://www.blogger.com/profile/10471466646292910182noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6672229774459200184.post-55305311129810559542009-01-01T01:22:00.000-08:002009-01-01T01:22:00.000-08:00देश की विडम्बना है यह राजनीति का छद्म रूप. प्रविष्...देश की विडम्बना है यह राजनीति का छद्म रूप. <BR/>प्रविष्टि के लिये धन्यवाद.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.com