आशा पाण्डे ओझा की छः कविताएं
1
सुन लड़की!
वहशतों के घुंघरू
पहन कर
नाच रही है
शैतानी रूहें
तेरे इर्द -गिर्द
कौन जाने
कब मसल देंगी
अपने क़दमों तले
तेरी इज्ज़त की
कलियां
देखे भी कौन
यह दहशतज़दा मंज़र
कानून की आंखों पर भी तो
है काली पट्टी
आशा पाण्डेय ओझा
वहशतों के घुंघरू
पहन कर
नाच रही है
शैतानी रूहें
तेरे इर्द -गिर्द
कौन जाने
कब मसल देंगी
अपने क़दमों तले
तेरी इज्ज़त की
कलियां
देखे भी कौन
यह दहशतज़दा मंज़र
कानून की आंखों पर भी तो
है काली पट्टी
आशा पाण्डेय ओझा
2
चंद सिक्कों के
बोझ तले
दब जाती है
आवाज़े आदम
सबसें सस्ता बिकता है
बाज़ारवाद की दुनिया में
आदमी का
ज़मीर इन दिनों
जाने कंहां सोया है
सीनों का तूफ़ान
आंख का पानी भी तो
सूख चला है
रौंदी ,कुचली मसली
आत्मा
याचक सी
बेबस लाचार
दफ़्न कर
लौटी हो जैसे
अभी अभी
किसी को
अपने हाथों से
कौन मरा होगा आखिर
क्यों आत्मा की शक्ल पर
बजे हुवे हैं बारहा
उफ़्फ़ !!
तो ये ज़मीर की मौत थी !
चलो देख ही ली
आख़िरकार
जीते जी
मौत की दुनिया हमने
अपनी आंखों से
बोझ तले
दब जाती है
आवाज़े आदम
सबसें सस्ता बिकता है
बाज़ारवाद की दुनिया में
आदमी का
ज़मीर इन दिनों
जाने कंहां सोया है
सीनों का तूफ़ान
आंख का पानी भी तो
सूख चला है
रौंदी ,कुचली मसली
आत्मा
याचक सी
बेबस लाचार
दफ़्न कर
लौटी हो जैसे
अभी अभी
किसी को
अपने हाथों से
कौन मरा होगा आखिर
क्यों आत्मा की शक्ल पर
बजे हुवे हैं बारहा
उफ़्फ़ !!
तो ये ज़मीर की मौत थी !
चलो देख ही ली
आख़िरकार
जीते जी
मौत की दुनिया हमने
अपनी आंखों से
3
हथेली पर मेरी
शबनम रख गया जबसें
वो ग़रीब बच्चा
अपनी आंखों का
सोचती हूँ
काश!
मैं सीप होती तो
बना देती मोती वो अश्क
उसकी आंखों का
4
दे रहे हो जो
तुम अपनी पीढ़ियों को
यह अपराध मूलक
संस्कार
जानते हो
कहां ले जायेंगे
वे इनको ?
ठीक वहीं
जहां पर जाकर थमते हैं
अपराध के पांव
सिर्फ़ और सिर्फ़
आत्मघात पर
धीरे-धीरे यह आत्मघात
कर देगा इस सुन्दर सृष्टि का अंत
5
स्मृतियों के कंठ से
ज़िन्दगी जब भी
गुनगुनाती है तेरा नाम
पलकों की सितार पर
ख़ुद-ब-ख़ुद
थिरक उठती हैं
अश्कों की उंगलियां
थिरक उठती हैं
अश्कों की उंगलियां
6
मिल गई हूं उसमे
जब-जब
बरसात की बात लिखूं
तब मेरी आंखों का
बरसात की बात लिखूं
तब मेरी आंखों का
पानी पढना उसें
जब घटाटोप बादलों की
बात लिखूं
तब समझना
मन का द्वन्द रचा है मैंने
जब सूखी नदियों की
बात लिखूं
तब समझ लेना
उस बिन
जब घटाटोप बादलों की
बात लिखूं
तब समझना
मन का द्वन्द रचा है मैंने
जब सूखी नदियों की
बात लिखूं
तब समझ लेना
उस बिन
कितनी रीती हूं मैं
जब मैं कुछ न लिखूं
तब जान लेना
मिल गई हूं उसमे
सदा-सदा के लिए
जिसके लिए लिखती रही
जब मैं कुछ न लिखूं
तब जान लेना
मिल गई हूं उसमे
सदा-सदा के लिए
जिसके लिए लिखती रही
-0-0-0-
आशा पाण्डे ओझा
जन्म स्थान ओसियां( जोधपुर )
शिक्षा :एम .ए (हिंदी साहित्य ) एल एल .बी.(जय नारायण व्यास विश्व विद्यालया ,जोधपुर (राज.)
'हिंदी कथा आलोचना में नवल किशोरे का योगदान में शोधरत
प्रकाशित कृतियां
1. दो बूंद समुद्र के नाम 2. एक कोशिश रोशनी की ओर (काव्य )
3. त्रिसुगंधि (सम्पादन )
शीघ्र प्रकाश्य
1. वजूद की तलाश (संपादन ) 2. वक्त की शाख से ( काव्य ) 3. पांखी (हाइकु संग्रह )
देश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं व इ पत्रिकाओं में कविताएं ,मुक्तक ,ग़ज़ल ,क़तआत ,दोहा,हाइकु,कहानी , व्यंग समीक्षा ,आलेख ,निंबंध ,शोधपत्र निरंतर प्रकाशित
सम्मान -पुरस्कार
कवि तेज पुरस्कार जैसलमेर ,राजकुमारी रत्नावती पुरस्कार जैसलमेर ,महाराजा कृष्णचन्द्र जैन स्मृति सम्मान एवं पुरस्कार पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग (मेघालय ) साहित्य साधना समिति पाली एवं राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा अभिनंदन ,वीर दुर्गादास राठौड़ साहित्य सम्मान जोधपुर ,पांचवे अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन ताशकंद में सहभागिता एवं सृजन श्री सम्मान ,प्रेस मित्र क्लब बीकानेर राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,मारवाड़ी युवा मंच श्रीगंगानगर राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,साहित्य श्री सम्मान संत कवि सुंदरदास राष्ट्रीय सम्मान समारोह समिति भीलवाड़ा राजस्थान ,सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग मेघालय ,अंतराष्ट्रीय साहित्यकला मंच मुरादाबाद के सत्ताईसवें अंतराष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन काठमांडू नेपाल में सहभागिता एवं हरिशंकर पाण्डेय साहित्य भूषण सम्मान ,राजस्थान साहित्यकार परिषद कांकरोली राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,श्री नर्मदेश्वर सन्यास आश्रम परमार्थ ट्रस्ट एवं सर्व धर्म मैत्री संघ अजमेर राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अभी अभिनंदन ,राष्ट्रीय साहित्य कला एवं संस्कृति परिषद् हल्दीघाटी द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान ,राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर एवं साहित्य साधना समिति पाली राजस्थान द्वारा पुन: सितम्बर २०१३ में अभिनंदन
संपर्क : 09772288424 /07597199995 /09414495867
E mail : asha09.pandey@gmail.com