सोमवार, 25 फ़रवरी 2008

नए प्रकाशन




हाजी मुराद
(उपन्यास)
ले० लियो तोलस्तोय
अनुवाद - रूप सिंह चंदेल



संवाद प्रकाशन
आई-४९९, शास्त्रीनगर,
मेरठ - २५० ००४

’हाजी मुराद’ लियो तोलस्तोय द्वारा उम्र के आखि़री दौर में लिखा गया एक ऎतिहासिक उपन्यास है. यह एक ऎसी उत्कृष्ट कृति है, जो उनके जीवनकाल में प्रकाशित नहीं हुई थी या जिसकी पर्याप्त चर्चा नहीं हो सकी थी. इस उपन्यास का नायक वास्तविक जीवन से लिया गया है, जो तत्कालीन इतिहास का अति महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है. वह काकेशस प्रांत के क़बीलाई फौजों का जनरल था, जिसने उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में रूसी प्रभुसत्ता का प्रतिरोध किया था. लेकिन वह चेचेन्या के शासक शमील का भी विरोधी था और उससे प्रतिशोध लेने के लिए उसने रूसियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. हाजी मुराद के माध्यम से तोलस्तोय ने चेचेन्या-समस्या का गंभीर अध्ययन प्रस्तुत किया है.




समाचार

ज्योतिष जोशी को देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान

समकालीन आलोचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए २००७ का देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान युवा आलोचक डॉ० ज्योतिष जोशी को उनकी आलोचना पुस्तक ’उपन्यास की समकालीनता’ के लिए देने की घोषणा की गई है. पुरस्कार के निर्णायक मंडल में डॉ० नामवर सिंह, केदार नाथ सिंह ,विष्णु खरे, डॉ० विजयमोहन सिंह और कथाकार उदयप्रकाश थे.

, अप्रैल १९६५ को धर्मगता, गोपालगंज(बिहार) में जन्में डॉ० जोशी १९९५ से ललित कला अकादमी की राष्ट्रीय कला पत्रिका ’समकालीन कला’ के संपादक हैं. अब तक उनकी प्रकाशित कृतियों में - जैनेन्द्र संचयिता, सम्यक तथा विधा की उपलब्धि, कृति-आकृति, भारतीय कला के हस्ताक्षर तथा रूपंकर (कला आलोचना), सोनबरसा(उपन्यास) और आलोचना की छवियॉं, विमर्श और विवेचना, जैनेन्द्र और नैतिकता तथा पुरखों का पक्ष (आलोचना) आदि हैं.

कोई टिप्पणी नहीं: